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एक्यूप्रेशर के 5 टिप्स By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब एक्यूप्रेशर एक प्रकार की चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर के विभिन्न स्थानों पर स्थित पॉइंट को दबाकर सेहत की समस्याओं को हल किया जा सकता है। दरअसल ये पॉइंट्स उस स्थानों से आंतरिक रूप से संबंध रखते हैं, जहां आपको समस्या हो रही है। जानिए एक्यूप्रेशर के कुछ ऐसे टिप्स, जो आपके लिए काफी मददगार और लाभदायक होंगे - 1 अगर आपको सिरदर्द, तनाव, चक्कर आना, दिमागी असंतुलन या फिर नाक, कान व आंख संबंधी समस्याएं होती हैं, तो कान के पीछे की तरह जो अंदर झुका हुआ भाग है, उसे दबाने से लाभ होगा। 2 कोलेस्ट्रॉल, गले की समस्या, हिचकी आना, उल्टी, ब्लडप्रेशर और प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी समस्याओं में हाथ का मुड़ने वाला भाग यानि कोहनी के पीछे वाला हिस्सा दबाने से लाभ होगा।3 दांत दर्द की समस्या होने पर हथेली को उल्टा करके तर्जनी और अंगूठे के बीच का हिस्सा दबाएं। इसके अलावा आंखों की बाहरी रेखा की सीध में जबड़े पर दो बिंदु हैं जिन्हें दबाने पर लाभ होगा। 4 घुटनों का दर्द, जकड़न, सूजन आदि होने पर घुटने के आगे की ओर स्थ‍ित पॉइंट को आगे, पीछे, दाएं और बाएं, चारों ओर दबाएं। वहीं एड़ी के पास पैर के तलवे के बिंदु पर दबाव डालना भी लाभकारी होगा। 5 थायराइड की समस्या होने पर दोनों हाथों और दोनों पैरों के अंगूठे के ठीक नीचे ऊपर उठे हुए भाग पर दबाव डालें। इसे झाड़ी की सुई की दिशा में बनाएं और छोड़ दें। ऐसा कुछ समय तक करते रहें।

 एक्यूप्रेशर के 5 टिप्स

एक्यूप्रेशर एक प्रकार की चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर के विभिन्न स्थानों पर स्थित पॉइंट को दबाकर सेहत की समस्याओं को हल किया जा सकता है। दरअसल ये पॉइंट्स उस स्थानों से आंतरिक रूप से संबंध रखते हैं, जहां आपको समस्या हो रही है। जानिए एक्यूप्रेशर के कुछ ऐसे टिप्स, जो आपके लिए काफी मददगार और लाभदायक होंगे - 
 
1 अगर आपको सिरदर्द, तनाव, चक्कर आना, दिमागी असंतुलन या फिर नाक, कान व आंख संबंधी समस्याएं होती हैं, तो कान के पीछे की तरह जो अंदर झुका हुआ भाग है, उसे दबाने से लाभ होगा।
  
 
2  कोलेस्ट्रॉल, गले की समस्या, हिचकी आना, उल्टी, ब्लडप्रेशर और प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी समस्याओं में हाथ का मुड़ने वाला भाग यानि कोहनी के पीछे वाला हिस्सा दबाने से लाभ होगा।


3  दांत दर्द की समस्या होने पर हथेली को उल्टा करके तर्जनी और अंगूठे के बीच का हिस्सा दबाएं। इसके अलावा आंखों की बाहरी रेखा की सीध में जबड़े पर दो बिंदु हैं जिन्हें दबाने पर लाभ होगा।

 
4  घुटनों का दर्द, जकड़न, सूजन आदि होने पर घुटने के आगे की ओर स्थ‍ित पॉइंट को आगे, पीछे, दाएं और बाएं, चारों ओर दबाएं। वहीं एड़ी के पास पैर के तलवे के बिंदु पर दबाव डालना भी लाभकारी होगा।
 
 
5 थायराइड की समस्या होने पर दोनों हाथों और दोनों पैरों के अंगूठे के ठीक नीचे ऊपर उठे हुए भाग पर दबाव डालें। इसे झाड़ी की सुई की दिशा में बनाएं और छोड़ दें। ऐसा कुछ समय तक करते रहें।

एक्यूप्रेशर पाइंट्स की पहचान कैसे करें? वजन कम करने के लिए कौन से बिंदुओं पर दबाब बनाना चाहिए? क्या सही जानकारी नहीं होने से शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है?
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब



एक्यूप्रेशर स्वास्थ्य के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। यह एक पुरानी चीनी प्रथा है। शरीर में कुछ विशेष प्वाइंट्स को अपनी उंगलियों या अंगूठे से दबाया जाता है। इससे सिरदर्द, कमर और पीठ दर्द, अनिद्रा सहित कई अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।
एक्यूप्रेशर वजन घटाने के लिए भी बहुत प्रभावी माना जाता है। दरअसल यह भूख, पाचन क्रिया और मेटाबोलिज्म को प्रभावित करता है जिसके कारण वजन नियंत्रित रहता है। एक्यूप्रेशर का अभ्यास करना बेहद आसान है। इसे बिना साइड इफेक्ट के घर पर किया जा सकता है। आइए जानते हैं वजन घटाने के लिए शरीर में किन एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स को दबाना चाहिए।
कान..कान के सामने और जबड़े के सबसे ऊपरी हिस्से पर प्रेशर प्वाइंट होता है। प्रेशर प्वाइंट ढूंढने के लिए जबड़े को ऊपर नीचे करें। जिस प्वाइंट पर प्रेशर देना है वहां सबसे ज्यादा मूवमेंट होगी। इस प्वाइंट को हर दिन एक या दो मिनट तक दबाएं। इससे भूख नियंत्रित होती है और वजन नहीं बढ़ता है।


इनर एल्बोइनर एल्बो के क्रीज से एक इंच नीचे स्थित प्रेशर प्वाइंट को खोजें। इस प्वाइंट पर रोजाना 2 से 3 मिनट तक मसाज करें। इससे आंत मजबूत होती है और वजन कंट्रोल होता है।


टखना..
टखने के ठीक ऊपर प्रेशर प्वाइंट स्थित होता है। इस प्वाइंट को अंगूठे से पांच मिनट तक दबाएं और फिर दो मिनट रुकें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर के कई अंग सही तरीके से काम करते हैं।


अंगूठाअंगूठे के नीचे स्थित प्रेशर प्वाइंट को दबाने से थायरॉयड ग्लैंड उत्तेजित होता है। इससे शरीर का मेटाबोलिज्म बढ़ता है। मेटाबोलिज्म बेहतर होने से वजन नियंत्रित रहता है।


बाल वनिता महिला आश्रम
कलाई..
हथेली से दो इंच नीचे कलाई के बीच में एक्यूप्रेशर प्वाइंट खोजें। इस प्वाइंट को अपने अंगूठे और तर्जनी उंगली से दबाएं। इससे पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और शरीर पर अतिरिक्त फैट नहीं जमता है।
अपर लिपनाक और होंठ के बीच स्थित फिल्थ्रम को दबाने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है। इस प्वाइंट को सर्कुलर मोशन में हर दिन 2 से 3 मिनट तक दबाना चाहिए। इससे शरीर का फैट कम होता है।


किसी भी व्यक्ति पर यह पद्धति अपनाने से पहले अच्छी तरह उस बिंदु के बारे मे अवश्य समझ ले वरना कोई और समस्या खड़ी हो सकती है।
धन्यवाद।


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Press your pain point .

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मासपेशियों में खिंचाव आ जाता है।2- यदि आप अपनी क्षमता से अधिक भारी सामान उठा लें।3- गलत पॉश्चर में बैठना, चलना या खड़े रहने की आदत।4- यदि आप पूरे दिन बैठे रहते हों, आपके बिस्तर का गद्दा सही न हो।5- जरूरत से ज्यादा यदि एक्सरसाइज की जाए या न कि जाए। 6- बुखार जिसमें रीढ़ की हड्डी पर फर्क पड़े। 7- प्रेग्नेंसी या फिर सी-सेक्शन होने के कारण।8- लगातार खड़े रहना या देर तक बैठे रहना।9- सोते वक्त मोटे तकिये का इस्तेमाल करना।10- दो या चार पहिया वाहन घंटों चलाना।11- कमजोर हड्डी या विटामिन डी की कमी।By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाबकमर दर्द के लक्षण -1- पीठ या रीढ़ की हड्डी पर सूजन होना।2- हर वक्त कमर में तेजी से दर्द बने रहना।3- खड़े होने या बैठने में दर्द होना। 4- पीठ और कुल्हों के आसपास झनझनाहट या सुन्न पड़ जाना।5- पैरों व घुटनों तक दर्द बढ़ना।6- उठने-बैठने में भी परेशानी।शारीरिक चिकित्सा और व्यायाम – शारीरिक उपचार कमर दर्द के इलाज का आधार है। एक भौतिक चिकित्सक दर्द को कम करने के लिए आपकी कमर की मांसपेशियों और कोमल ऊतकों को विभिन्न प्रकार के उपचार, जैसे – उष्मा, अल्ट्रासाउंड, विद्युत उत्तेजना और मांसपेशी को आराम देने वाली तकनीकें अपना सकते हैं। जैसे-जैसे दर्द में सुधार होता है, चिकित्सक आपको व्यायाम सिखा सकते हैं जो आपके लचीलेपन को बढ़ा सकते हैं, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं और आपकी अवस्था में सुधार कर सकते हैं। इन तकनीकों का नियमित उपयोग दर्द की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद कर सकता है।पीठ दर्द से बचने के लिए व्यायामनियमित व्यायाम न सिर्फ आपको पीठ दर्द से छुटकारा दिलाता है, बल्कि पुराने पीठ दर्द में भी लाभ पहुंचाता है। व्यायाम उचित ढंग से करें। गलत ढंग से किया गया व्यायाम पीठ दर्द को और बढ़ा सकता है। यह भी ध्यान रखें कि चिकित्सकीय परामर्श के बाद यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि आपको किस प्रकार का पीठ दर्द है और उसमें कौन-कौन से व्यायाम करना ठीक रहेगा। इसी प्रकार यदि पीठ दर्द नहीं है तो पीठ दर्द से बचे रहने के लिए भी नियमित व्यायाम लाभदायक रहते हैं।श्री वनिता कासनियां पंजाब 🌹🌹जहाँ चाह है वहाँ राह है, ,🌹🌹एक बार अपने जोड़ो, नसों मांसपेशियों के दर्द सूजन सुन्नपन, नस दबने या कमर के छल्ले सरकने,किसी भी प्रकार के ऑपरेशन या सर्जरी, दिल, दिमाग किडनी लंग्स बाईपास सर्जरी, मोच अकड़न जकड़न कमजोरी, छाती में कफ या सांस लेने में तकलीफ, हाथ पैरों कमर ओर गर्दन में कमजोरी ओर सुन्नपन में, बच्चों के हाथ पैरों में कमजोरी (Cerebral Palsy)और लकवा, फ्रैक्चर के बाद जोड़ जाम होना या कमजोर होना आदि में एक बार परामर्श जरूर लें। इससे आपको पता चलेगा कि आपकी या अन्य सदस्यों की बीमारी क्या है और उसका क्या इलाज है और उसे कैसे बढ़ने से रोका जा सकता है।।🙏🙏😊कमर दर्द बैक पेनकमर का दर्द बेहद तकलीफदेह होता है। दर्द के कारण व्यक्ति का चलना-फिरना और उठना बैठना तक प्रभावित होने लगता है। इसलिए कमर दर्द के कारण को समझना और समय पर उपचार करना जरूरी है। वरना ये बिस्तर पर ला सकता हैअगर ठीक समय पर इस दर्द के कारण को न समझा जाए तो ये बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए कमर दर्द को कभी भी हल्के में न लें। यदि कमर दर्द लगातार बना रहे तो इसे डॉक्टर से जरूर दिखाएं। हालांकि कुछ कमर दर्द का कारण हम खुद पैदा करते हैं। इसलिए जरूरी है कि कमर दर्द के कारणों को जाना जाएं और उससे बचने के उपाय किए जाएं।मुख्य बातेंमांसपेशियों में खिंचाव से भी कमर में दर्द होता हैगलत पॉश्चर में बैठना कमर दर्द का कारण बनता हैएक्सरसाइज करने से कमर दर्द दूर किया जा सकता हैकमर दर्द (Back Pain) कभी भी किसी को भी हो सकता है। इसके एक नहीं अनेक कारण हैं। वैसे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कमर दर्द की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। कमर दर्द(Back Pain) की तकलीफ काफी जटिल होती है ये लोगों के रोज के कार्यों को प्रभावित करता है। कमर दर्द के कारण1- किसी वस्तु को गलत तरीके से उठाने से मासपेशियों में खिंचाव आ जाता है।2- यदि आप अपनी क्षमता से अधिक भारी सामान उठा लें।3- गलत पॉश्चर में बैठना, चलना या खड़े रहने की आदत।4- यदि आप पूरे दिन बैठे रहते हों, आपके बिस्तर का गद्दा सही न हो।5- जरूरत से ज्यादा यदि एक्सरसाइज की जाए या न कि जाए। 6- बुखार जिसमें रीढ़ की हड्डी पर फर्क पड़े। 7- प्रेग्नेंसी या फिर सी-सेक्शन होने के कारण।8- लगातार खड़े रहना या देर तक बैठे रहना।9- सोते वक्त मोटे तकिये का इस्तेमाल करना।10- दो या चार पहिया वाहन घंटों चलाना।11- कमजोर हड्डी या विटामिन डी की कमी।By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाबकमर दर्द के लक्षण -1- पीठ 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कि चिकित्सकीय परामर्श के बाद यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि आपको किस प्रकार का पीठ दर्द है और उसमें कौन-कौन से व्यायाम करना ठीक रहेगा। इसी प्रकार यदि पीठ दर्द नहीं है तो पीठ दर्द से बचे रहने के लिए भी नियमित व्यायाम लाभदायक रहते हैं। श्री वनिता कासनियां पंजाब🏥 पंजाब फिजियोथेरेपी एंड हेल्थ केयर सेंटर🏆👩‍⚕️

कमर दर्द बैक पेनकमर का दर्द बेहद तकलीफदेह होता है।  दर्द के कारण व्यक्ति का चलना-फिरना और उठना बैठना तक प्रभावित होने लगता है। इसलिए कमर दर्द के कारण को समझना और समय पर उपचार करना जरूरी है। वरना ये बिस्तर पर ला सकता हैअगर ठीक समय पर इस दर्द के कारण को न समझा जाए तो ये बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए कमर दर्द को कभी भी हल्के में न लें। यदि कमर दर्द लगातार बना रहे तो इसे डॉक्टर से जरूर दिखाएं। हालांकि कुछ कमर दर्द का कारण हम खुद पैदा करते हैं। इसलिए जरूरी है कि कमर दर्द के कारणों को जाना जाएं और उससे बचने के उपाय किए जाएं।मुख्य बातेंमांसपेशियों में खिंचाव से भी कमर में दर्द होता हैगलत पॉश्चर में बैठना कमर दर्द का कारण बनता हैएक्सरसाइज करने से कमर दर्द दूर किया जा सकता हैकमर दर्द (Back Pain) कभी भी किसी को भी हो सकता है। इसके एक नहीं अनेक कारण हैं। वैसे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कमर दर्द की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। कमर दर्द(Back Pain) की तकलीफ काफी जटिल होती है ये लोगों के रोज के कार्यों को प्रभावित करता है। कमर दर्द के कारण1- किसी वस्तु को गलत तरीक...