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Showing posts from July, 2022

हार्ट अटैक क्यों और कैसे आता है? By वनिता कासनियां पंजाब ,,सबसे पहले हार्ट अटैक क्या होता है ये जान लेते हैं।हार्ट अटैक का मतलब होता है “दिल के किसी हिस्से में आवश्यकता से कम रक्त पहुँच रहा है और जिसके कारण उस हिस्से के ऊतकों की मृत्यु होना प्रारंभ हो ,चुकी ,है”हार्ट अटैक कैसे आता है इसके लिए हमें दिल का रक्त संचार समझना होगादिल को रक्त पहुँचाने का कार्य दो धमनियाँ करती हैं इनको कोरोनरी आर्टरी कहते हैं। एक right और एक left coronary artery दिल को रक्त पहुँचाती हैं और आगे ये छोटी छोटी शाखाओं में बँटकर पूरे हृदय को रक्त पहुँचाती हैं। कुछ इस चित्र की तरह:Credit: चित्र गूगल से प्राप्त है।जब इन कोरोनरी धमनियों में या कोरोनरी धमनियों की किसी शाखा का 75% से अधिक भाग अवरुद्ध हो जाता है तब जाकर हृदय के उस क्षेत्री रक्त संचार इतना कम होता है कि वहाँ के ऊतकों की मृत्यु होने लगती है।धमनियों के अवरोध का कारण इन धमनियों की दीवारों पर वसा का चिपकना होता है जिसको ATHEROSCLEROSIS कहते हैं, इस वसा के कारण जो रक्त पहले एकLaminar flow में बह रहा होता है वो अब Turbulent flow में आ जाता है और वहाँ पर रक्त कोशिकाओं का खंडन होता रहता है इस कारण रक्त में थोड़ा ठहराव सा आने लगता है जिसके कारण रक्त संचार कम होने लगता है। और जब ये atherosclerosis का वसा साइज़ में इतना बड़ा हो जाता है कि ये धमनी को 75% तक अवरुद्ध कर दें तब रक्त संचार एकदम नगण्य हो जाता है।और अब हृदयघात के कारण:हृदयघात कैसे होता है ये हमने जान लिया अब कुछ ऐसे कारणों को जानते हैं जिनके कारण किसी व्यक्ति में हृदयघात होने के ख़तरे बढ़ जाते हैं:पुरुष होनाबढ़ती हुई उम्रअत्यधिक मोटापाउच्च रक्तचापडायबिटीज़धूम्रपान की आदतस्टीरॉइड्स का अत्यधिक इस्तेमाल

हार्ट अटैक क्यों और कैसे आता है? By वनिता कासनियां पंजाब ,, सबसे पहले हार्ट अटैक क्या होता है ये जान लेते हैं। हार्ट अटैक का मतलब होता है “दिल के किसी हिस्से में आवश्यकता से कम रक्त पहुँच रहा है और जिसके कारण उस हिस्से के ऊतकों की मृत्यु होना प्रारंभ हो चुकी है” हार्ट अटैक कैसे आता है इसके लिए हमें दिल का रक्त संचार समझना होगा दिल को रक्त पहुँचाने का कार्य दो धमनियाँ करती हैं इनको कोरोनरी आर्टरी कहते हैं। एक right और एक left coronary artery दिल को रक्त पहुँचाती हैं और आगे ये छोटी छोटी शाखाओं में बँटकर पूरे हृदय को रक्त पहुँचाती हैं। कुछ इस चित्र की तरह: Credit: चित्र गूगल से प्राप्त है। जब इन कोरोनरी धमनियों में या कोरोनरी धमनियों की किसी शाखा का 75% से अधिक भाग अवरुद्ध हो जाता है तब जाकर हृदय के उस क्षेत्री रक्त संचार इतना कम होता है कि वहाँ के ऊतकों की मृत्यु होने लगती है। धमनियों के अवरोध का कारण इन धमनियों की दीवारों पर वसा का चिपकना होता है जिसको ATHEROSCLEROSIS कहते हैं, इस वसा के कारण जो रक्त पहले एकLaminar flow में बह रहा होता है वो अब Turbulent flow में आ जाता है और वहाँ पर रक...

health home remediesIs there penile cancer too?Yes .penis cancer symptomsThe signs and symptoms below do not always mean that a man has penile cancer. In fact, many other conditions can ,cause

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे क्या पेनिस कैंसर भी होता है? हाँ । लिंग कैंसर के लक्षण नीचे दिए गए संकेत और लक्षण हमेशा मतलब नहीं है कि एक आदमी को शिश्न कैंसर है। वास्तव में, कई अन्य स्थितियों के कारण होने की संभावना है। फिर भी, यदि आपके पास उनमें से कोई भी है, तो तुरंत एक डॉक्टर को देखें ताकि जरूरत पड़ने पर उनका कारण खोजा जा सके और इलाज किया जा सके। जितनी जल्दी एक निदान किया जाता है, उतनी ही जल्दी आप उपचार शुरू कर सकते हैं और बेहतर यह काम करने की संभावना है। त्वचा में बदलाव शिश्न कैंसर का पहला संकेत सबसे अधिक बार लिंग की त्वचा में बदलाव होता है। यह सबसे अधिक संभावना है कि लिंग के अग्र भाग (नोक) पर या अग्रभाग (अनियंत्रित पुरुषों में) होता है, लेकिन यह शाफ्ट पर भी हो सकता है। इन परिवर्तनों में शामिल हो सकते हैं: त्वचा का एक क्षेत्र मोटा होना त्वचा के रंग में परिवर्तन एक गांठ एक अल्सर (घाव) जो खून बह सकता है चमड़ी के नीचे एक लाल, मखमली दाने छोटे, crusty धक्कों सपाट, नीले-भूरे रंग के विकास चमड़ी के नीचे बदबूदार स्त्राव (द्रव) या रक्तस्राव पेनिल कैंसर से घाव या गांठ आमतौर पर चोट नहीं करते हैं, लेकि...

गले का कैंसर होने पर शुरुआती तौर क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब गले का कैंसर :- कैंसर नाम सुनते ही आदमी के शरीर मे कंपकपी से उठते है,कैंसर बहुत ही जानलेवा बीमारी है, और इसका कोई इलाज नही सिवाय मृत्यु के, ऐसे लोग समझते है ,लेकिन ये पूरा सच नही है। कैंसर किसी भी व्यक्ति को हो सकते है, इसके सुरूवात में अगर आपको लक्षण मिल जाये तो इसका इलाज कुछ हद तक संभव है, जिस भी व्यक्ति को ये हो जाता है वह जीने की उम्मीद ही छोड़ देता हैं। और कई लोग तो ऐसे समझने लगते है कि जितने दिन जी रहे है उतना दिन ही बहेतर है। इसमे हम कुछ गले का कैंसर के बारे में बता रहे हैं जिससे आप जान पाएंगे, जो निम्न है:- इस प्रकार के कैंसर अरम्भ में कोई लक्षण में सर्वाधिक रूप पाया जाता है, बाद में गले में एक विशेष प्रकार के कष्ट की अनुभूति होने लगती है। उसे गले में कांटा चुभने का सा दर्द होता है, उसके बाद ही गले में खच खच पीड़ा उत्पन्न होती है। आँख में कष्ट का बोध होता है, और धीरे-धीरे सख्त पदार्थ आना संभव हो जाता है। गले में फोड़े के समान कष्ट प्रतीत होने लगता है, निगलने में कष्ट होने लगता है गग्रसिन में चुभन से अनुभव होता है, टॉक्सिस के कष्ट होता है, गला बैठ जाता है। मुंह में लार लगातार निकलते रहते हैं और रोगी केवल तरल पदार्थ के खा कर जीवन व्यतीत करने लगता है,गले के भीतर या बाहर एक सुपारी के बराबर अथवा उससे छोटे आकृति की ग्रंथि उतपन्न होता हैं। कफ के साथ अल्प मात्रा में कैंसर की प्रथम वर्ष में कभी कभी गले में रक्त स्रव होता देखा गया है जिसे रोग मसूड़ों आदि स्थान में आया रक्त स्त्राव की कल्पना कर लेते हैं। और चिकित्सा भी शुरुआत में कैंसर लोग की सुत्र पात की कल्पना नहीं कर पाते अक्सर इस प्रकार थोड़ी मात्रा में रक्त आरंभ होकर गले के भीतर एक क्षय युक्त घाव की पुष्टि कर देता है, जो बाद में जटिल कैंसर बन जाता है। इसके अलावा हम उसे निम्न रूप में देख सकते हैं। जब गले का कैंसर होता है तो उसके सबसे पहले आवाज का बदलाव होता हैं। गले में खारिश( बार- बार खिंच खिचहट) होना। गले में किसी प्रकार की गांठ या गिल्टियों जैसा अनुभव का दिखाई देना। गले मे सूजन जैसा होना। गले में दर्द होना। बातचीत करने में दिक्कत होना। खाना खाने अथवा भोजन को निगलने में कष्ट होना। गले के कैंसर में सुपाड़ी के आकार के भोजन को भी निगलने में परेशानी होती हैं। बचाव:- अगर आपको इसमे से किसी भी लक्षण से मिलते है तो तुरंत जा कर आपने नजदीक चिकित्सा को दिखाए। किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन से परहेज करें, सिगरेट न पीयें। शराब न पिएं। विटामिन की पर्याप्त मात्रा में सेवन करे। संतुलन भोजन करें। Na, सोडियम की पर्याप्त मात्रा में सेवन करे। इलाज:- इसके इलाज निम्न से सम्भव है ओपेशन:- ऐसे भी कुछ केस होते हैं, और यह पूरी तरह पता चल जाता है किआ गले मे कैंसर है तो डॉक्टर को मरीज की सर्जरी करना पड़ती है। अगर मरीज़ का ट्यूमर छोटा है, तो उसे एंडोस्कोपिक की मदद से हटा दिया जाता है। लेकिन मरीज़ की हालत ज़्यादा गंभीर है तो उसके गले के भाग को निकालना पड़ता है। 2.कीमोथेरेपी-कैसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए आपके डॉक्टर ड्रग्स का उपयोग करते है। 3. रेडियेशन थेरीपी :- गले का कैंसर का इलाज से भी किया जा सकता हैं।

  गले का कैंसर होने पर शुरुआती तौर क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब गले का कैंसर  :- कैंसर नाम सुनते ही आदमी के शरीर मे कंपकपी से उठते है,कैंसर बहुत ही जानलेवा बीमारी है, और इसका कोई इलाज नही सिवाय मृत्यु के, ऐसे लोग समझते है ,लेकिन ये पूरा सच नही है। कैंसर किसी भी व्यक्ति को हो सकते है, इसके सुरूवात में अगर आपको लक्षण मिल जाये तो इसका इलाज कुछ हद तक संभव है, जिस भी व्यक्ति को ये हो जाता है वह जीने की उम्मीद ही छोड़ देता हैं। और कई लोग तो ऐसे समझने लगते है कि जितने दिन जी रहे है उतना दिन ही बहेतर है। इसमे हम कुछ गले का कैंसर के बारे में बता रहे हैं जिससे आप जान पाएंगे, जो निम्न है:- इस प्रकार के कैंसर अरम्भ में कोई लक्षण में सर्वाधिक रूप पाया जाता है, बाद में गले में एक विशेष प्रकार के कष्ट की अनुभूति होने लगती है। उसे गले में कांटा चुभने का सा दर्द होता है, उसके बाद ही गले में खच खच पीड़ा उत्पन्न होती है। आँख में कष्ट का बोध होता है, और धीरे-धीरे सख्त पदार्थ आना संभव हो जाता है। गले में फोड़े के समान कष्ट प्रतीत होने लगता है, निगलने में कष्ट होने लगता है ग...