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During the Corona epidemic, people are making a lot of efforts to strengthen immunity and lungs. You can also strengthen all the parts of your body by pressing these points.By social worker Vanita Kasani Punjab

कोरोना महामारी के दौरान इम्युनिटी और फेफड़ों को मजबूत करने के लिए लोग काफी प्रयास कर रहे हैं. आप भी इन पॉइंट्स को दबाकर अपने शरीर के तमाम अंगों को मजबूत कर सकते हैं.

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तमाम परेशानियों में राहत देंगे ये एक्यूप्रेशर पॉइंट

एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्वर पद्वति प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक हिस्सा हैं. इन दोनों ही पद्वतियों में हमारे हाथों और पैरों के उन पॉइंट्स को दबाया जाता है, जिनका संबन्ध शरीर के तमाम अंगों से होता है. इन पॉइंट्स को दबाकर तमाम समस्याओं को दूर किया जा सकता है. एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्वर में फर्क सिर्फ इतना है कि एक्यूप्रेशर में उन पॉइंट को हाथ से दबाकर या किसी उपकरण से दबाकर प्रेशर दिया जाता है, वहीं एक्यूपंक्चर में उन पॉइंट्स पर सुई चुभोई जाती है.

आजकल कोरोना महामारी के दौरान इम्युनिटी और फेफड़ों को मजबूत करने के लिए लोग काफी प्रयास कर रहे हैं. आप भी इन पॉइंट्स को दबाकर अपने शरीर के तमाम अंगों को मजबूत कर सकते हैं और उन्हें कई समस्याओं से बचा सकते हैं. यहां जानिए शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के बारे में.

फेफड़ों और इम्युनिटी के लिए

हथेली के बीचों-बीच बने पॉइंट को रोजाना करीब दो से तीन मिनट दबाने से फेफड़े मजबूत होते हैं और इससे जुड़ी तमाम समस्याओं में आराम मिलता है. इससे अस्थमा और ब्रोन्काइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है. इसके अलावा इस पॉइंट को दबाने से इम्युनिटी भी मजबूत होती है.

बाल वनिता महिला आश्रम

किडनी के लिए

अपनी सबसे छोटी अंगुली के पोर वाले हिस्से पर किडनी का पॉइंट होता है. इसे दबाकर किडनी की समस्याओं से बचा जा सकता है.

हाई बीपी के लिए

हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए रिंग फिंगर के पोर वाले हिस्से को दबाएं. इससे हाई बीपी की समस्या नियंत्रित रहेगी, साथ ही हार्ट संबन्धी समस्याओं का रिस्क भी घटेगा.

आंखों के लिए

अंगूठे के बाद वाली तर्जनी अंगुली के ठीक नीचे वाले पॉइंट को दबाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.

पेनक्रियाज के लिए

पेनक्रियाज संबन्धी समस्या है तो सबसे छोटी और अनामिका अंगुली यानी रिंग फिंगर, दोनों के बीच ठीक दो अंगुल नीचे का पॉइंट दबाने से राहत मिलती है.

साइनस, दांत और अल्सर

साइनस, दांत और अल्सर की समस्या में राहत पाने के लिए तर्जनी अंगुली के पोर वाले हिस्से को दबाएं. इससे काफी आराम मिलता है.

थायरॉइड के लिए

यदि थायरॉइड की समस्या है तो रोजाना अंगूठे के नीचे वाले पॉइंट को करीब पांच मिनट तक दबाएं. इससे काफी आाराम मिलेगा. इससे थायरॉइड हार्मोंस संतुलित रहता है.

 

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Press your pain point .

कमर दर्द बैक पेनकमर का दर्द बेहद तकलीफदेह होता है। दर्द के कारण व्यक्ति का चलना-फिरना और उठना बैठना तक प्रभावित होने लगता है। इसलिए कमर दर्द के कारण को समझना और समय पर उपचार करना जरूरी है। वरना ये बिस्तर पर ला सकता हैअगर ठीक समय पर इस दर्द के कारण को न समझा जाए तो ये बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए कमर दर्द को कभी भी हल्के में न लें। यदि कमर दर्द लगातार बना रहे तो इसे डॉक्टर से जरूर दिखाएं। हालांकि कुछ कमर दर्द का कारण हम खुद पैदा करते हैं। इसलिए जरूरी है कि कमर दर्द के कारणों को जाना जाएं और उससे बचने के उपाय किए जाएं।मुख्य बातेंमांसपेशियों में खिंचाव से भी कमर में दर्द होता हैगलत पॉश्चर में बैठना कमर दर्द का कारण बनता हैएक्सरसाइज करने से कमर दर्द दूर किया जा सकता हैकमर दर्द (Back Pain) कभी भी किसी को भी हो सकता है। इसके एक नहीं अनेक कारण हैं। वैसे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कमर दर्द की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। कमर दर्द(Back Pain) की तकलीफ काफी जटिल होती है ये लोगों के रोज के कार्यों को प्रभावित करता है। कमर दर्द के कारण1- किसी वस्तु को गलत तरीके से उठाने से मासपेशियों में खिंचाव आ जाता है।2- यदि आप अपनी क्षमता से अधिक भारी सामान उठा लें।3- गलत पॉश्चर में बैठना, चलना या खड़े रहने की आदत।4- यदि आप पूरे दिन बैठे रहते हों, आपके बिस्तर का गद्दा सही न हो।5- जरूरत से ज्यादा यदि एक्सरसाइज की जाए या न कि जाए। 6- बुखार जिसमें रीढ़ की हड्डी पर फर्क पड़े। 7- प्रेग्नेंसी या फिर सी-सेक्शन होने के कारण।8- लगातार खड़े रहना या देर तक बैठे रहना।9- सोते वक्त मोटे तकिये का इस्तेमाल करना।10- दो या चार पहिया वाहन घंटों चलाना।11- कमजोर हड्डी या विटामिन डी की कमी।By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाबकमर दर्द के लक्षण -1- पीठ या रीढ़ की हड्डी पर सूजन होना।2- हर वक्त कमर में तेजी से दर्द बने रहना।3- खड़े होने या बैठने में दर्द होना। 4- पीठ और कुल्हों के आसपास झनझनाहट या सुन्न पड़ जाना।5- पैरों व घुटनों तक दर्द बढ़ना।6- उठने-बैठने में भी परेशानी।शारीरिक चिकित्सा और व्यायाम – शारीरिक उपचार कमर दर्द के इलाज का आधार है। एक भौतिक चिकित्सक दर्द को कम करने के लिए आपकी कमर की मांसपेशियों और कोमल ऊतकों को विभिन्न प्रकार के उपचार, जैसे – उष्मा, अल्ट्रासाउंड, विद्युत उत्तेजना और मांसपेशी को आराम देने वाली तकनीकें अपना सकते हैं। जैसे-जैसे दर्द में सुधार होता है, चिकित्सक आपको व्यायाम सिखा सकते हैं जो आपके लचीलेपन को बढ़ा सकते हैं, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं और आपकी अवस्था में सुधार कर सकते हैं। इन तकनीकों का नियमित उपयोग दर्द की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद कर सकता है।पीठ दर्द से बचने के लिए व्यायामनियमित व्यायाम न सिर्फ आपको पीठ दर्द से छुटकारा दिलाता है, बल्कि पुराने पीठ दर्द में भी लाभ पहुंचाता है। व्यायाम उचित ढंग से करें। गलत ढंग से किया गया व्यायाम पीठ दर्द को और बढ़ा सकता है। यह भी ध्यान रखें कि चिकित्सकीय परामर्श के बाद यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि आपको किस प्रकार का पीठ दर्द है और उसमें कौन-कौन से व्यायाम करना ठीक रहेगा। इसी प्रकार यदि पीठ दर्द नहीं है तो पीठ दर्द से बचे रहने के लिए भी नियमित व्यायाम लाभदायक रहते हैं।श्री वनिता कासनियां पंजाब 🌹🌹जहाँ चाह है वहाँ राह है, ,🌹🌹एक बार अपने जोड़ो, नसों मांसपेशियों के दर्द सूजन सुन्नपन, नस दबने या कमर के छल्ले सरकने,किसी भी प्रकार के ऑपरेशन या सर्जरी, दिल, दिमाग किडनी लंग्स बाईपास सर्जरी, मोच अकड़न जकड़न कमजोरी, छाती में कफ या सांस लेने में तकलीफ, हाथ पैरों कमर ओर गर्दन में कमजोरी ओर सुन्नपन में, बच्चों के हाथ पैरों में कमजोरी (Cerebral Palsy)और लकवा, फ्रैक्चर के बाद जोड़ जाम होना या कमजोर होना आदि में एक बार परामर्श जरूर लें। इससे आपको पता चलेगा कि आपकी या अन्य सदस्यों की बीमारी क्या है और उसका क्या इलाज है और उसे कैसे बढ़ने से रोका जा सकता है।।🙏🙏😊कमर दर्द बैक पेनकमर का दर्द बेहद तकलीफदेह होता है। दर्द के कारण व्यक्ति का चलना-फिरना और उठना बैठना तक प्रभावित होने लगता है। इसलिए कमर दर्द के कारण को समझना और समय पर उपचार करना जरूरी है। वरना ये बिस्तर पर ला सकता हैअगर ठीक समय पर इस दर्द के कारण को न समझा जाए तो ये बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए कमर दर्द को कभी भी हल्के में न लें। यदि कमर दर्द लगातार बना रहे तो इसे डॉक्टर से जरूर दिखाएं। हालांकि कुछ कमर दर्द का कारण हम खुद पैदा करते हैं। इसलिए जरूरी है कि कमर दर्द के कारणों को जाना जाएं और उससे बचने के उपाय किए जाएं।मुख्य बातेंमांसपेशियों में खिंचाव से भी कमर में दर्द होता हैगलत पॉश्चर में बैठना कमर दर्द का कारण बनता हैएक्सरसाइज करने से कमर दर्द दूर किया जा सकता हैकमर दर्द (Back Pain) कभी भी किसी को भी हो सकता है। इसके एक नहीं अनेक कारण हैं। वैसे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कमर दर्द की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। कमर दर्द(Back Pain) की तकलीफ काफी जटिल होती है ये लोगों के रोज के कार्यों को प्रभावित करता है। कमर दर्द के कारण1- किसी वस्तु को गलत तरीके से उठाने से मासपेशियों में खिंचाव आ जाता है।2- यदि आप अपनी क्षमता से अधिक भारी सामान उठा लें।3- गलत पॉश्चर में बैठना, चलना या खड़े रहने की आदत।4- यदि आप पूरे दिन बैठे रहते हों, आपके बिस्तर का गद्दा सही न हो।5- जरूरत से ज्यादा यदि एक्सरसाइज की जाए या न कि जाए। 6- बुखार जिसमें रीढ़ की हड्डी पर फर्क पड़े। 7- प्रेग्नेंसी या फिर सी-सेक्शन होने के कारण।8- लगातार खड़े रहना या देर तक बैठे रहना।9- सोते वक्त मोटे तकिये का इस्तेमाल करना।10- दो या चार पहिया वाहन घंटों चलाना।11- कमजोर हड्डी या विटामिन डी की कमी।By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाबकमर दर्द के लक्षण -1- पीठ या रीढ़ की हड्डी पर सूजन होना।2- हर वक्त कमर में तेजी से दर्द बने रहना।3- खड़े होने या बैठने में दर्द होना। 4- पीठ और कुल्हों के आसपास झनझनाहट या सुन्न पड़ जाना।5- पैरों व घुटनों तक दर्द बढ़ना।6- उठने-बैठने में भी परेशानी।शारीरिक चिकित्सा और व्यायाम – शारीरिक उपचार कमर दर्द के इलाज का आधार है। एक भौतिक चिकित्सक दर्द को कम करने के लिए आपकी कमर की मांसपेशियों और कोमल ऊतकों को विभिन्न प्रकार के उपचार, जैसे – उष्मा, अल्ट्रासाउंड, विद्युत उत्तेजना और मांसपेशी को आराम देने वाली तकनीकें अपना सकते हैं। जैसे-जैसे दर्द में सुधार होता है, चिकित्सक आपको व्यायाम सिखा सकते हैं जो आपके लचीलेपन को बढ़ा सकते हैं, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं और आपकी अवस्था में सुधार कर सकते हैं। इन तकनीकों का नियमित उपयोग दर्द की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद कर सकता है।पीठ दर्द से बचने के लिए व्यायामनियमित व्यायाम न सिर्फ आपको पीठ दर्द से छुटकारा दिलाता है, बल्कि पुराने पीठ दर्द में भी लाभ पहुंचाता है। व्यायाम उचित ढंग से करें। गलत ढंग से किया गया व्यायाम पीठ दर्द को और बढ़ा सकता है। यह भी ध्यान रखें कि चिकित्सकीय परामर्श के बाद यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि आपको किस प्रकार का पीठ दर्द है और उसमें कौन-कौन से व्यायाम करना ठीक रहेगा। इसी प्रकार यदि पीठ दर्द नहीं है तो पीठ दर्द से बचे रहने के लिए भी नियमित व्यायाम लाभदायक रहते हैं। श्री वनिता कासनियां पंजाब🏥 पंजाब फिजियोथेरेपी एंड हेल्थ केयर सेंटर🏆👩‍⚕️

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