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फिजियो थेरेपी के फायदे क्या है ? By वनिता कासनियां पंजाब ऐठन को दूर करता है।फंक्शनल टेस्टिंग की सहायता से मरीज का आकलन किया जाता है।मरीजों का शरीर का सही से बदलाव करने के लिए यह प्रक्रिया करवाया जाता है।डिवाइस प्रोविसिओं की मदद से सुरक्षा व सहायता करना होता है।इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन को कम मात्रा में करंट को अंग को छोड़ा जाता है। यह संकेतो को दबाने में सहायता करता है।फिजियोथेरेपी के फायदे क्या है ?(Physiotherapy Ke Fayde Kya Hai in Hindi)फिजियोथेरेपी के व्यापक दायरे के माध्यम से जनता को कई लाभ उपलब्ध हैं। पेशे से शिशुओं, बच्चों, वयस्कों और जराचिकित्सा आबादी के बीच आर्थोपेडिक, न्यूरोलॉजिकल और कार्डियोपल्मोनरी समस्याओं को संबोधित करता है।कई फिजियोथेरेपिस्ट निजी अभ्यास में परामर्श करते हैं और हम कई तरह की स्थितियों का इलाज करते हैं। हड्डी रोग के मामले (इसमें खेल की चोटें, फ्रैक्चर, रीढ़ की हड्डी में दर्द और कुछ का नाम लेने के लिए सिरदर्द) सबसे आम प्रकार के मरीज़ हैं जिनका हम नैदानिक सेटिंग में इलाज करते हैं।फिजियोथेरेपी उपचार में ताकत, गति और धीरज की सीमा को सुधारने और पोस्टुरल और मांसपेशियों के असंतुलन, संयुक्त लामबंदी, हेरफेर और नरम ऊतक की मालिश को ठीक करनेके लिए चिकित्सीय व्यायाम शामिल हो सकता है, साथ ही कठोरता को कम करने और दर्द से राहत के लिए स्ट्रेचिंग और ट्रिगर पॉइंट थेरेपी भी हो सकती है। (और पढ़े – विटामिन डी की कमी)फिजियोथेरेपी उपचार के साथ स्ट्रोक, मल्टीपल स्केलेरोसिस, पार्किंसंस रोग, सेरेब्रल पाल्सी और रीढ़ की हड्डी की चोट जैसे न्यूरोलॉजिकल विकारों वाले मरीजों को बहुत फायदा हो सकता है। हस्तक्षेप मांसपेशियों के पुन: शिक्षा और नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ठीक और सकल मोटर कौशल का पुनर्वास, दैनिक कार्य में सुधार, शक्ति और लचीलेपन को पुन: प्राप्त करना, सुरक्षित स्थानान्तरण प्रदर्शन करने के लिए सीखने, गतिशीलता को बहाल करने और चालन एड्स के उपयोग में प्रशिक्षण।सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के लिए, फिजियोथैरेपी स्पस्टिसिटी और विकृति को कम करने में मदद करने, पोस्टुरल कंट्रोल में सुधार करने, बच्चों को सिखाने के लिए सहायक उपकरणों का उपयोग करने और बच्चे की कार्यात्मक स्वतंत्रता को अधिकतम करने के लिए आवश्यक सभी काम करने के लिए आवश्यक है। हम परिवार को भी शिक्षित करेंगे ताकि वे उपचार के दौरान बच्चे को जो सीखा है उसे ले जाने में मदद कर सकें।कार्डियोपल्मोनरी स्थिति फिजियोथेरेपी हस्तक्षेप के लिए अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करती है। जिन रोगियों को दैनिक जीवन की अपनी गतिविधियों को करने में कठिनाई होती है, या जिनके पास सांस की तकलीफ है और धीरज में कमी है, वे निर्देशित व्यायाम और प्रतिरोध प्रशिक्षण के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार कर सकते हैं।फिजियोथेरेपी के नुकसान क्या है ? (Physiotherapy Ke Nuksaan Kya Hai in Hindi)फिजियोथेरेपी के फायदे तो कई है, लेकिन कुछ निम्न नुकसान भी होते है।थेरेपी करते समय मरीज को दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके लिए दर्द निवारक कुछ दवाई देते है।शरीर में सूजन आ जाता है। यह सामान्य होता है क्योंकि यह अस्थि-मज्जा के सम्बन्ध को खिचाव करता है। इसके अलावा कोई गंभीर नुकसान नहीं है।अगर आपको फिजियोथेरेपी के बारे में अधिक जानकारी एव उपचार करवाना हो, तो वनिता कासनियां पंजाब से संपर्क करें।

फिजियो थेरेपी के फायदे क्या है ?

ऐठन को दूर करता है।

फंक्शनल टेस्टिंग की सहायता से मरीज का आकलन किया जाता है।
मरीजों का शरीर का सही से बदलाव करने के लिए यह प्रक्रिया करवाया जाता है।
डिवाइस प्रोविसिओं की मदद से सुरक्षा व सहायता करना होता है।
इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन को कम मात्रा में करंट को अंग को छोड़ा जाता है। यह संकेतो को दबाने में सहायता करता है।
फिजियोथेरेपी के फायदे क्या है ?

(Physiotherapy Ke Fayde Kya Hai in Hindi)

  • फिजियोथेरेपी के व्यापक दायरे के माध्यम से जनता को कई लाभ उपलब्ध हैं। पेशे से शिशुओं, बच्चों, वयस्कों और जराचिकित्सा आबादी के बीच आर्थोपेडिक, न्यूरोलॉजिकल और कार्डियोपल्मोनरी समस्याओं को संबोधित करता है।

  • कई फिजियोथेरेपिस्ट निजी अभ्यास में परामर्श करते हैं और हम कई तरह की स्थितियों का इलाज करते हैं। हड्डी रोग के मामले (इसमें खेल की चोटें, फ्रैक्चर, रीढ़ की हड्डी में दर्द और कुछ का नाम लेने के लिए सिरदर्द) सबसे आम प्रकार के मरीज़ हैं जिनका हम नैदानिक सेटिंग में इलाज करते हैं।
  • फिजियोथेरेपी उपचार में ताकत, गति और धीरज की सीमा को सुधारने और पोस्टुरल और मांसपेशियों के असंतुलन, संयुक्त लामबंदी, हेरफेर और नरम ऊतक की मालिश को ठीक करने
    के लिए चिकित्सीय व्यायाम शामिल हो सकता है, साथ ही कठोरता को कम करने और दर्द से राहत के लिए स्ट्रेचिंग और ट्रिगर पॉइंट थेरेपी भी हो सकती है। (और पढ़े – विटामिन डी की कमी)
  • फिजियोथेरेपी उपचार के साथ स्ट्रोक, मल्टीपल स्केलेरोसिस, पार्किंसंस रोग, सेरेब्रल पाल्सी और रीढ़ की हड्डी की चोट जैसे न्यूरोलॉजिकल विकारों वाले मरीजों को बहुत फायदा हो सकता है। हस्तक्षेप मांसपेशियों के पुन: शिक्षा और नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ठीक और सकल मोटर कौशल का पुनर्वास, दैनिक कार्य में सुधार, शक्ति और लचीलेपन को पुन: प्राप्त करना, सुरक्षित स्थानान्तरण प्रदर्शन करने के लिए सीखने, गतिशीलता को बहाल करने और चालन एड्स के उपयोग में प्रशिक्षण।
  • सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के लिए, फिजियोथैरेपी स्पस्टिसिटी और विकृति को कम करने में मदद करने, पोस्टुरल कंट्रोल में सुधार करने, बच्चों को सिखाने के लिए सहायक उपकरणों का उपयोग करने और बच्चे की कार्यात्मक स्वतंत्रता को अधिकतम करने के लिए आवश्यक सभी काम करने के लिए आवश्यक है। हम परिवार को भी शिक्षित करेंगे ताकि वे उपचार के दौरान बच्चे को जो सीखा है उसे ले जाने में मदद कर सकें।
  • कार्डियोपल्मोनरी स्थिति फिजियोथेरेपी हस्तक्षेप के लिए अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करती है। जिन रोगियों को दैनिक जीवन की अपनी गतिविधियों को करने में कठिनाई होती है, या जिनके पास सांस की तकलीफ है और धीरज में कमी है, वे निर्देशित व्यायाम और प्रतिरोध प्रशिक्षण के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार कर सकते हैं।

फिजियोथेरेपी के नुकसान क्या है ? (Physiotherapy Ke Nuksaan Kya Hai in Hindi)

फिजियोथेरेपी के फायदे तो कई है, लेकिन कुछ निम्न नुकसान भी होते है।

  • थेरेपी करते समय मरीज को दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके लिए दर्द निवारक कुछ दवाई देते है।
  • शरीर में सूजन आ जाता है। यह सामान्य होता है क्योंकि यह अस्थि-मज्जा के सम्बन्ध को खिचाव करता है। इसके अलावा कोई गंभीर नुकसान नहीं है।

अगर आपको फिजियोथेरेपी के बारे में अधिक जानकारी एव उपचार करवाना हो, तो वनिता कासनियां पंजाब  से संपर्क करें।

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एक्यूप्रेशर विधि के अनुसार शौच करते समय शरीर के किस पॉइंट को दबाने से पेट तुरंत साफ हो जाएगा By वनिता कासनियां पंजाब आजकल बाहर के खान-पान और खानपान की कुछ गलत आदतों के कारण बहुत से लोगों को पेट की समस्या रहती है। बहुत से लोग सुबह ,सही तरीके से पेट साफ नहीं होने से परेशान रहते है। और सुबह घंटों टॉयलेट में बैठना पड़ता है। ऐसे लोगों के लिए आज हम एक्यूप्रेशर विधि लेकर आए हैं। जिससे सुबह पेट आसानी से साफ हो जाएगा। आइए इसके बारे में जानते है। दोस्तों सुबह शौच करते समय शरीर के इस पॉइंट को दबाएं, पेट हो जाएगा तुरंत में साफ।एक्यूप्रेशर विधिएक्यूप्रेशर विधि द्वारा शरीर के किसी अंग को दबाकर रोग को दूर किया जाता है। इस विधि का उपयोग पुराने समय से किया जाता रहा है। और अनेक शारीरिक रोगों का उपचार एक्यूप्रेशर विधि से किया जाता है। जो लोग पेट की बीमारियों से परेशान रहते है। और सुबह पेट अच्छी तरह से साफ नहीं होता है। उन्हें इसके लिए एक्यूप्रेशर विधि काम में लेनी चाहिए। यह बहुत आसान विधि है।Vnita kasnia Punjabआपको कोहनी के ऊपरी भाग को 15 से 18 बार जल्दी-जल्दी दबाना है। इससे आपको थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है। लेकिन इस विधि को आराम से करना है। और कोहनी के ऊपरी भाग को 15 से 18 बार दबाने के बाद आपका पेट इतनी जल्दी साफ हो जाएगा कि आपको पता भी नहीं चलेगा। एक्यूप्रेशर की इस विधि से पाचन तंत्र मजबूत होता है। जिससे भोजन अच्छी तरह पचता है। और पेट की बीमारियां जैसे गैस, कब्ज और एसिडिटी से छुटकारा मिलता है।

एक्यूप्रेशर विधि के अनुसार शौच करते समय शरीर के किस पॉइंट को दबाने से पेट तुरंत साफ हो जाएगा By  वनिता कासनियां पंजाब  आजकल बाहर के खान-पान और खानपान की कुछ गलत आदतों के कारण बहुत से लोगों को पेट की समस्या रहती है। बहुत से लोग सुबह सही तरीके से पेट साफ नहीं होने से परेशान रहते है। और सुबह घंटों टॉयलेट में बैठना पड़ता है। ऐसे लोगों के लिए आज हम एक्यूप्रेशर विधि लेकर आए हैं। जिससे सुबह पेट आसानी से साफ हो जाएगा। आइए इसके बारे में जानते है। दोस्तों सुबह शौच करते समय शरीर के इस पॉइंट को दबाएं, पेट हो जाएगा तुरंत में साफ। एक्यूप्रेशर विधि एक्यूप्रेशर विधि द्वारा शरीर के किसी अंग को दबाकर रोग को दूर किया जाता है। इस विधि का उपयोग पुराने समय से किया जाता रहा है। और अनेक शारीरिक रोगों का उपचार एक्यूप्रेशर विधि से किया जाता है। जो लोग पेट की बीमारियों से परेशान रहते है। और सुबह पेट अच्छी तरह से साफ नहीं होता है। उन्हें इसके लिए एक्यूप्रेशर विधि काम में लेनी चाहिए। यह बहुत आसान विधि है। Vnita kasnia Punjab आपको कोहनी के ऊपरी भाग को 15 से 18 बार जल्दी-जल्दी दबाना है। इससे आपको थोड़ा दर्द...

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कमर दर्द बैक पेनकमर का दर्द बेहद तकलीफदेह होता है। दर्द के कारण व्यक्ति का चलना-फिरना और उठना बैठना तक प्रभावित होने लगता है। इसलिए कमर दर्द के कारण को समझना और समय पर उपचार करना जरूरी है। वरना ये बिस्तर पर ला सकता हैअगर ठीक समय पर इस दर्द के कारण को न समझा जाए तो ये बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए कमर दर्द को कभी भी हल्के में न लें। यदि कमर दर्द लगातार बना रहे तो इसे डॉक्टर से जरूर दिखाएं। हालांकि कुछ कमर दर्द का कारण हम खुद पैदा करते हैं। इसलिए जरूरी है कि कमर दर्द के कारणों को जाना जाएं और उससे बचने के उपाय किए जाएं।मुख्य बातेंमांसपेशियों में खिंचाव से भी कमर में दर्द होता हैगलत पॉश्चर में बैठना कमर दर्द का कारण बनता हैएक्सरसाइज करने से कमर दर्द दूर किया जा सकता हैकमर दर्द (Back Pain) कभी भी किसी को भी हो सकता है। इसके एक नहीं अनेक कारण हैं। वैसे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कमर दर्द की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। कमर दर्द(Back Pain) की तकलीफ काफी जटिल होती है ये लोगों के रोज के कार्यों को प्रभावित करता है। कमर दर्द के कारण1- किसी वस्तु को गलत तरीके से उठाने से मासपेशियों में खिंचाव आ जाता है।2- यदि आप अपनी क्षमता से अधिक भारी सामान उठा लें।3- गलत पॉश्चर में बैठना, चलना या खड़े रहने की आदत।4- यदि आप पूरे दिन बैठे रहते हों, आपके बिस्तर का गद्दा सही न हो।5- जरूरत से ज्यादा यदि एक्सरसाइज की जाए या न कि जाए। 6- बुखार जिसमें रीढ़ की हड्डी पर फर्क पड़े। 7- प्रेग्नेंसी या फिर सी-सेक्शन होने के कारण।8- लगातार खड़े रहना या देर तक बैठे रहना।9- सोते वक्त मोटे तकिये का इस्तेमाल करना।10- दो या चार पहिया वाहन घंटों चलाना।11- कमजोर हड्डी या विटामिन डी की कमी।By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाबकमर दर्द के लक्षण -1- पीठ या रीढ़ की हड्डी पर सूजन होना।2- हर वक्त कमर में तेजी से दर्द बने रहना।3- खड़े होने या बैठने में दर्द होना। 4- पीठ और कुल्हों के आसपास झनझनाहट या सुन्न पड़ जाना।5- पैरों व घुटनों तक दर्द बढ़ना।6- उठने-बैठने में भी परेशानी।शारीरिक चिकित्सा और व्यायाम – शारीरिक उपचार कमर दर्द के इलाज का आधार है। एक भौतिक चिकित्सक दर्द को कम करने के लिए आपकी कमर की मांसपेशियों और कोमल ऊतकों को विभिन्न प्रकार के उपचार, जैसे – उष्मा, अल्ट्रासाउंड, विद्युत उत्तेजना और मांसपेशी को आराम देने वाली तकनीकें अपना सकते हैं। जैसे-जैसे दर्द में सुधार होता है, चिकित्सक आपको व्यायाम सिखा सकते हैं जो आपके लचीलेपन को बढ़ा सकते हैं, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं और आपकी अवस्था में सुधार कर सकते हैं। इन तकनीकों का नियमित उपयोग दर्द की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद कर सकता है।पीठ दर्द से बचने के लिए व्यायामनियमित व्यायाम न सिर्फ आपको पीठ दर्द से छुटकारा दिलाता है, बल्कि पुराने पीठ दर्द में भी लाभ पहुंचाता है। व्यायाम उचित ढंग से करें। गलत ढंग से किया गया व्यायाम पीठ दर्द को और बढ़ा सकता है। यह भी ध्यान रखें कि चिकित्सकीय परामर्श के बाद यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि आपको किस प्रकार का पीठ दर्द है और उसमें कौन-कौन से व्यायाम करना ठीक रहेगा। इसी प्रकार यदि पीठ दर्द नहीं है तो पीठ दर्द से बचे रहने के लिए भी नियमित व्यायाम लाभदायक रहते हैं।श्री वनिता कासनियां पंजाब 🌹🌹जहाँ चाह है वहाँ राह है, ,🌹🌹एक बार अपने जोड़ो, नसों मांसपेशियों के दर्द सूजन सुन्नपन, नस दबने या कमर के छल्ले सरकने,किसी भी प्रकार के ऑपरेशन या सर्जरी, दिल, दिमाग किडनी लंग्स बाईपास सर्जरी, मोच अकड़न जकड़न कमजोरी, छाती में कफ या सांस लेने में तकलीफ, हाथ पैरों कमर ओर गर्दन में कमजोरी ओर सुन्नपन में, बच्चों के हाथ पैरों में कमजोरी (Cerebral Palsy)और लकवा, फ्रैक्चर के बाद जोड़ जाम होना या कमजोर होना आदि में एक बार परामर्श जरूर लें। इससे आपको पता चलेगा कि आपकी या अन्य सदस्यों की बीमारी क्या है और उसका क्या इलाज है और उसे कैसे बढ़ने से रोका जा सकता है।।🙏🙏😊कमर दर्द बैक पेनकमर का दर्द बेहद तकलीफदेह होता है। दर्द के कारण व्यक्ति का चलना-फिरना और उठना बैठना तक प्रभावित होने लगता है। इसलिए कमर दर्द के कारण को समझना और समय पर उपचार करना जरूरी है। वरना ये बिस्तर पर ला सकता हैअगर ठीक समय पर इस दर्द के कारण को न समझा जाए तो ये बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए कमर दर्द को कभी भी हल्के में न लें। यदि कमर दर्द लगातार बना रहे तो इसे डॉक्टर से जरूर दिखाएं। हालांकि कुछ कमर दर्द का कारण हम खुद पैदा करते हैं। इसलिए जरूरी है कि कमर दर्द के कारणों को जाना जाएं और उससे बचने के उपाय किए जाएं।मुख्य बातेंमांसपेशियों में खिंचाव से भी कमर में दर्द होता हैगलत पॉश्चर में बैठना कमर दर्द का कारण बनता हैएक्सरसाइज करने से कमर दर्द दूर किया जा सकता हैकमर दर्द (Back Pain) कभी भी किसी को भी हो सकता है। इसके एक नहीं अनेक कारण हैं। वैसे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कमर दर्द की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। कमर दर्द(Back Pain) की तकलीफ काफी जटिल होती है ये लोगों के रोज के कार्यों को प्रभावित करता है। कमर दर्द के कारण1- किसी वस्तु को गलत तरीके से उठाने से मासपेशियों में खिंचाव आ जाता है।2- यदि आप अपनी क्षमता से अधिक भारी सामान उठा लें।3- गलत पॉश्चर में बैठना, चलना या खड़े रहने की आदत।4- यदि आप पूरे दिन बैठे रहते हों, आपके बिस्तर का गद्दा सही न हो।5- जरूरत से ज्यादा यदि एक्सरसाइज की जाए या न कि जाए। 6- बुखार जिसमें रीढ़ की हड्डी पर फर्क पड़े। 7- प्रेग्नेंसी या फिर सी-सेक्शन होने के कारण।8- लगातार खड़े रहना या देर तक बैठे रहना।9- सोते वक्त मोटे तकिये का इस्तेमाल करना।10- दो या चार पहिया वाहन घंटों चलाना।11- कमजोर हड्डी या विटामिन डी की कमी।By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाबकमर दर्द के लक्षण -1- पीठ या रीढ़ की हड्डी पर सूजन होना।2- हर वक्त कमर में तेजी से दर्द बने रहना।3- खड़े होने या बैठने में दर्द होना। 4- पीठ और कुल्हों के आसपास झनझनाहट या सुन्न पड़ जाना।5- पैरों व घुटनों तक दर्द बढ़ना।6- उठने-बैठने में भी परेशानी।शारीरिक चिकित्सा और व्यायाम – शारीरिक उपचार कमर दर्द के इलाज का आधार है। एक भौतिक चिकित्सक दर्द को कम करने के लिए आपकी कमर की मांसपेशियों और कोमल ऊतकों को विभिन्न प्रकार के उपचार, जैसे – उष्मा, अल्ट्रासाउंड, विद्युत उत्तेजना और मांसपेशी को आराम देने वाली तकनीकें अपना सकते हैं। जैसे-जैसे दर्द में सुधार होता है, चिकित्सक आपको व्यायाम सिखा सकते हैं जो आपके लचीलेपन को बढ़ा सकते हैं, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं और आपकी अवस्था में सुधार कर सकते हैं। इन तकनीकों का नियमित उपयोग दर्द की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद कर सकता है।पीठ दर्द से बचने के लिए व्यायामनियमित व्यायाम न सिर्फ आपको पीठ दर्द से छुटकारा दिलाता है, बल्कि पुराने पीठ दर्द में भी लाभ पहुंचाता है। व्यायाम उचित ढंग से करें। गलत ढंग से किया गया व्यायाम पीठ दर्द को और बढ़ा सकता है। यह भी ध्यान रखें कि चिकित्सकीय परामर्श के बाद यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि आपको किस प्रकार का पीठ दर्द है और उसमें कौन-कौन से व्यायाम करना ठीक रहेगा। इसी प्रकार यदि पीठ दर्द नहीं है तो पीठ दर्द से बचे रहने के लिए भी नियमित व्यायाम लाभदायक रहते हैं। श्री वनिता कासनियां पंजाब🏥 पंजाब फिजियोथेरेपी एंड हेल्थ केयर सेंटर🏆👩‍⚕️

कमर दर्द बैक पेनकमर का दर्द बेहद तकलीफदेह होता है।  दर्द के कारण व्यक्ति का चलना-फिरना और उठना बैठना तक प्रभावित होने लगता है। इसलिए कमर दर्द के कारण को समझना और समय पर उपचार करना जरूरी है। वरना ये बिस्तर पर ला सकता हैअगर ठीक समय पर इस दर्द के कारण को न समझा जाए तो ये बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए कमर दर्द को कभी भी हल्के में न लें। यदि कमर दर्द लगातार बना रहे तो इसे डॉक्टर से जरूर दिखाएं। हालांकि कुछ कमर दर्द का कारण हम खुद पैदा करते हैं। इसलिए जरूरी है कि कमर दर्द के कारणों को जाना जाएं और उससे बचने के उपाय किए जाएं।मुख्य बातेंमांसपेशियों में खिंचाव से भी कमर में दर्द होता हैगलत पॉश्चर में बैठना कमर दर्द का कारण बनता हैएक्सरसाइज करने से कमर दर्द दूर किया जा सकता हैकमर दर्द (Back Pain) कभी भी किसी को भी हो सकता है। इसके एक नहीं अनेक कारण हैं। वैसे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कमर दर्द की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। कमर दर्द(Back Pain) की तकलीफ काफी जटिल होती है ये लोगों के रोज के कार्यों को प्रभावित करता है। कमर दर्द के कारण1- किसी वस्तु को गलत तरीक...